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विष चिकित्सा : स्थावर विष

स्थावर विष

नीलाथोथाः गेहूँ के आटे में खूब घी डालकर एवं शक्कर मिलाकर हलुआ बनाकर खिला देने से नीले थोथे के जहर का असर नहीं होता।
तेजाब (Acid)पानी में चूना घोलकर दो-तीन बार कपड़छन करके अथवा चूने का निथारा हुआ पानी 40 तोला पिलाने से तेजाब का खराब प्रभाव नहीं पड़ता।
विष चिकित्सा : स्थावर विष विष चिकित्सा :  स्थावर विष Reviewed by ritesh on 1:34 AM Rating: 5

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