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शिशु-रोग : वराध (बच्चों का एक रोग हब्बा-डब्बा)

वराध (बच्चों का एक रोग हब्बा-डब्बा)

पहला प्रयोगः जन्म से 40 दिन तक सुबह-शाम दो आनी भार (1.5 ग्राम) शहद चटाने से बालकों को यह रोग नहीं होता।
दूसरा प्रयोगः मोरपंख की भस्म 1 ग्रामकाली मिर्च का चूर्ण 1 ग्राम। इनको घोंटकर छः मात्रा बनायें। जरूरत के अनुसार दिन में 1-1 मात्रा तीन-चार बार दें।
तीसरा प्रयोगः बालरोगों में 2 ग्राम हल्दी व 1 ग्राम सेंधा नमक शहद अथवा दूध के साथ चटाने से बालक को उलटी होकर वराध में राहत मिलती है। यह प्रयोग एक वर्ष से अधिक की आयुवाले बालक पर ही करें।
शिशु-रोग : वराध (बच्चों का एक रोग हब्बा-डब्बा)   शिशु-रोग :  वराध (बच्चों का एक रोग हब्बा-डब्बा) Reviewed by ritesh on 12:59 AM Rating: 5

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