banner image

स्त्री-रोग : प्रसव पीड़ा

प्रसव पीड़ा

पहला प्रयोगः प्रसूति के समय ताजे गोबर (1-2 घण्टे के भीतर का) को कपड़े में निचोड़कर एक चम्मच रस पिला देने से प्रसूति शीघ्र हो जाती है।
दूसरा प्रयोगः तुलसी का 20 से 50 मि.ली. रस पिलाने से प्रसूति सरलता से हो जाती है।
तीसरा प्रयोगः पाँच तोला आँवले को 20 तोला पानी में खूब उबालिये। जब पानी 8 तोला रह जाये तब उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर देने से बिना किसी प्रसव पीड़ा के शिशु का जन्म होता है।
चौथा प्रयोगः नीम अथवा बिजौरे की जड़ कमर में बाँधने से प्रसव सरलता से हो जाता है। प्रसूति के बाद जड़ छोड़ दें।
मंत्रः ॐ कौंरा देव्यै नमः। ॐ नमो आदेश गुरु का.... कौंरा वीरा का बैठी हात... सब दिराह मज्ञाक साथ.... फिर बसे नाति विरति.... मेरी भक्ति... गुरु की शक्ति.... कौंरा देवी की आज्ञा।
प्रसव के समय कष्ट उठा रही स्त्री को इस मंत्र से अभिमंत्रित किया हुआ जल पिलाने से वह स्त्री बिना पीड़ा के बच्चे को जन्म देती है।
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
स्त्री-रोग : प्रसव पीड़ा स्त्री-रोग :  प्रसव पीड़ा Reviewed by ritesh on 1:33 AM Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.