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सौन्दर्य : त्वचा की कान्ति

त्वचा की कान्ति

पहला प्रयोगः नींबू का रस एवं छाछ समान मात्रा में मिलाकर लगाने से धूप के कारण काला हुआ चेहरा निखर उठता है।
दूसरा प्रयोगः राई के तेल में चने का आटा और हल्दी मिलाकर लगाने से त्वचा कान्तियुक्त होती है।
तीसरा प्रयोगः मक्खन एवं हल्दी का मिश्रण करके रात्रि को सोते समय मुँह पर लगाने से मुँह कान्तिवान एवं निरोगी होता है।
चौथा प्रयोगः चेहरे पर झुर्रियाँ हों तो दो चम्मच ग्लिसरीन में आधा चम्मच गुलाब जल एवं नींबू के रस की बूँदें मिलाकर मुँह पर रात्रि को लगायें। सुबह उठकर ठण्डे पानी से मुँह धो डालें। त्वचा का रंग निखरकर झुर्रियाँ कम हो जायेंगी।
पाँचवाँ प्रयोगः तुलसी के पत्तों को पीसकर लुगदी बनाकर मुँह पर लगाने से मुँहासों के दाग धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
छठा प्रयोगः एक कप दूध को उबालें। जब दूध गाढ़ा हो जाये तब उसे नीचे उतार लें। उसमें एक नींबू निचोड़ दें तथा हिलाते रहें जिससे दूध व नींबू का रस एकरस हो जाय। फिर ठण्डा होने के लिए रख दें। रात को सोते समय इसे चेहरे पर लगाकर मसलें। चाहें तो एक-डेढ़ घण्टे के अन्दर चेहरा धो सकते हैं या रात भर ऐसे ही रहने दें। सुबह में चेहरा धो लें। इस प्रयोग से मुँहासे ठीक होते हैं। चेहरे की त्वचा कान्तिमय बनती है।
मुख की दुर्गन्धः धनिया चबाने से मुख की दुर्गन्ध दूर होती है।
सौन्दर्य : त्वचा की कान्ति सौन्दर्य  : त्वचा की कान्ति Reviewed by ritesh on 12:41 AM Rating: 5

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