महत्वपूर्ण-जानकारी : गाजर खाने का तरीका और फायदे -----
गाजर खाने का तरीका और फायदे -----
__________________________
गाजर को उसके प्राकृतिक रूप
यानी कच्चा खाना लाभदायक होता है। भीतर का पीलापन
भाग नहीं खाना चाहिए। क्योंकि, वह अत्यघिक गरम
होता है। इससे छाती में जलन होती है। – शिवरात्री तक गाजर का सेवन लाभकारी है। – गाजर के रस का एक गिलास पूर्ण भोजन है। इसके सेवन
से रक्त में वृद्धि होती है। – यह पीलिया की प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन
ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर ) और पेट के कैंसर में
भी लाभदायक है। इसके सेवन से कोषों और
धमनियों को संजीवन मिलता है। गाजर में बिटा-
केरोटिन नामक औषधीय तत्व होता है, जो कैंसर पर
नियंत्रण करने में उपयोगी है। – गाजर ह्दय के लिए लाभकारी, रक्तको शुद्ध करने वाली,
वातदोषनाशक, पुष्टिवर्द्धक तथा दिमाग और नस-
नाडि़यों के लिए बलवर्घक, बवासीर, पेट के रोगों, सूजन,
पथरी तथा दुर्बलता का नाश करने वाली है। – गाजर के बीज गरम होते हैं। अत: गर्भवती महिलाओं
को उनका प्रयोग नहीं करना चाहिए। – कैल्शियम और केरोटीन की प्रचुर मात्रा होने के कारण
छोटे बच्चों के लिए यह उत्तम आहार है। गाजर से
आंतों के हानिकारक कीड़े नष्ट हो जाते हैं। – इसमें विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है। यह
नेत्र रोगों में लाभदायक है। – गाजर रक्तको शुद्ध करने वाली होती है। 10-15 दिन
गाजर का रस पीने से रक्तविकार, गांठ, सूजन और
त्वचा के रोगों में लाभ मिलता है इसमें लौहतत्व
भी अत्यघिक मात्रा में पाया जाता है। गाजर खूब चबा-
चबा कर खाने से दांत भी मजबूत, स्वच्छ और चमकीले होते
हैं। मसूढ़े मजबूत होते हैं। – रोजाना गाजर का रस पीने से दिमागी कमजोरी दूर
होती है। – गाजर को कद्दूकस करके नमक मिलाकर खाने से खाज-
खुजली में फायदा होता है। – गाजर के रस में नमक, घनिया पत्ती, जीरा,
काली मिर्च, नीबू का रस डालकर पीने से पाचन
संबंघी गड़बड़ी दूर होती है। – ह्दय की कमजोरी अथवा घड़कनें बढ़ जाने पर गाजर
को भूनकर खाने पर लाभ होता है। – गर्मी में गाजर का मुरब्बा दिमाग के लिए फायदेमंद
होता है।
महत्वपूर्ण-जानकारी : गाजर खाने का तरीका और फायदे -----
Reviewed by ritesh
on
8:42 AM
Rating:
No comments: