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वातरोग-गठिया आदि : पैरों का वात (सायटिका)

पैरों का वात (सायटिका)

पहला प्रयोगः सरसों के तेल में सोंठ व कायफल की छाल गर्म करके मालिश करने से अथवा पीड़ित भाग पर अरण्डी का तेल लगाकर ऊपर से थोड़े गर्म किये हुए अरण्डी के पत्ते रखकर पट्टी बाँधने से लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः लहसुन की 10 कलियों को 100 ग्राम पानी एवं 100 ग्राम दूध में मिलाकर पकायें। पानी जल जाने पर लहसुन खाकर दूध पीने से सायटिका में लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः निर्गुण्डी के 40 ग्राम हरे पत्ते अथवा 15 ग्राम सूखे पत्ते एवं 5 ग्राम सोंठ को थोड़ा कूटकर 350 ग्राम पानी में उबालें। 60-70 ग्राम पानी शेष रहने पर छानकर सुबह-शाम पीने से सायटिका में लाभ होता है।
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