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त्वचा के रोग : वातरक्त (लेप्रसी-कुष्ठ रोग)

वातरक्त (लेप्रसी-कुष्ठ रोग)

1 तोला अडूसे, गुडुच(गिलोय) एवं अरण्डी की जड़ 20 से 50 मि.ली. काढ़े में अथवा अमलतास की फलियों एवं गिलोय के 20 से 50 मि.ली. काढ़े में अरण्डी का 1 से 5 ग्राम तेल मिलाकर पीने से वातरक्त में लाभ होता है।
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त्वचा के रोग : वातरक्त (लेप्रसी-कुष्ठ रोग)   त्वचा के रोग :  वातरक्त (लेप्रसी-कुष्ठ रोग) Reviewed by ritesh on 1:57 AM Rating: 5

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