महत्वपूर्ण-जानकारी : कब-खायें-कैसे-खायें
कब खायें, कैसे खायें ?
भोजन
कम से कम 20-25 मिनट तक खूब चबा-चबाकर एवं उत्तर या पूर्वाभिमुख होकर
करें। जल्दी या अच्छी तरह चबाये बिना भोजन करने वाले चिड़चिड़े व क्रोधी
स्वभाव के हो जाते हैं।
सुबह
9 से 11 और शाम 5 से 7 के बीच भोजन करना चाहिए। ऋषियों व आयुर्वेदाचार्यों
ने बिना भूख लगे भोजन करना वर्जित बताया है। अतः प्रातः एवं शाम के भोजन
की मात्रा ऐसी रखें, जिससे ऊपर बताये समय में खुलकर भूख लगे।
बिना भूख के खाना रोगों को आमंत्रित करना है। कोई कितना भी आग्रह करे पर आप सावधान रहें। पेट आपका है। पचाना आपको है।
भोजन
करने एवं पेय पदार्थ लेने के बाद पानी से कुल्ले करने चाहिए। जूठे मुँह
रहने से बुद्धि क्षीण होती है और दाँतों व मसूड़ों में कीटाणु जमा हो जाते
हैं।
पेय पीना हो तो....
कोई
भी पेय पीना हो तो इड़ा नाड़ी अर्थात् नाक का बायाँ स्वर चालू होना चाहिए।
यदि दायाँ स्वर चालू हो तो दायाँ नथुना दबाकर बाँयें नथुने से श्वास लेते
हुए ही पियें।
चाय-कॉफी
स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक साबित हुए हैं। अतः इनसे बचें। प्रातः
खाली पेट चाय या कॉफी भूलकर भी न पियें व दुश्मन को भी न पिलायें।
महत्वपूर्ण-जानकारी : कब-खायें-कैसे-खायें
Reviewed by ritesh
on
7:10 AM
Rating:
No comments: