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मधुमेह (diabetes) : मधुमेह और इंसुलिन

मधुमेह और इंसुलिन

 
इंसुलिन शरीर में बनने वाला एक हारमोन है, जो पेंक्रियाज़ ग्रंथि से बनता है। हमारा भोजन कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं प्रोटीनयुक्त होता है। कार्बोहाइड्रेट आँतों में जाकर ग्लूकोज में परिवर्तित होता है, यह ग्लूकोज इंसुलिन की उपस्थिति में कोशिकाओं में प्रवेश कर ऊर्जा प्रदान करता है। डायबिटीज़ के रोगियों में इस इंसुलिन हारमोन की कमी के कारण ग्लूकोज कोशिकाओं में न जाकर रक्त में ही रह जाता है। रक्त में ग्लूकोज की बढ़ी हुई इस मात्रा को ही डायबिटीज़ या मधुमेह कहते हैं। 
 
यह एक रासायनिक विकार है (मेटाबोलिक डिसऑर्डर), जिसका निदान प्रामाणिक वैज्ञानिक पद्धति से ही किया जा सकता है न कि अप्रामाणिक या मिथ्या मान्यता से। मधुमेह रोगियों को जो दवाई (ओरल हाइपो ग्लाइसिमिक एजेंट) दी जाती है वह इंसुलिन नहीं है, वे इंसुलिन को (रासायनिक क्रियाओं द्वारा) खींचकर रक्त में लाती है और ग्लूकोज़ को ऊर्जा में परिवर्तित करती है, जिससे रक्त में शकर की मात्रा नियंत्रित रहती है। यह दवाइयाँ तब तक ही कार्य करती हैं, जब तक शरीर में इंसुलिन बनता रहता है। लंबे समय की डायबिटीज़ में दवाइयों का असर कम होने लगता है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। ऐसे रोगियों को शकर की मात्रा नियंत्रित करने के लिए बाहर से इंसुलिन देना पड़ता है। इंसुलिन एक प्रोटीन है, यह गोली या सिरप के रूप में नहीं बनता, उसे इंजेक्शन द्वारा ही दिया जाता है। 
 
लोगों को ऐसी भ्रांति होती है कि इंसुलिन लेने से उसकी आदत पड़ जाती है या फिर एक बार शुरू करने पर हमेशा लेना पड़ेगा। इंसुलिन लेने की नौबत तब आती है जब शरीर इसे नहीं बना पाता है। इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाएँ प्रायः समाप्त हो चुकी हैं या बहुत कम बना रही होती हैं, जो शरीर की ज़रूरत से बहुत कम होता है। बाहर से इंसुलिन पहुँचा कर यदि शकर की मात्रा नियंत्रित की जा सके और मधुमेह के दुष्प्रभाव से शरीर के अंगों को बचाया जा सके तो इंसुलिन बाहर से लेने में डर कैसा? इंसुलिन शरीर की ज़रूरत है, इसके बिना जीवन संभव नहीं है। मधुमेह भी उच्च रक्तचाप, कैंसर, थायरॉइड, कोलेस्ट्रॉल एवं हृदय रोग की तरह वंशानुगत बीमारी है, ५० से ६० प्रतिशत तक वांशिक कारण व ४० से ५० प्रतिशत तक दिनचर्या, खान-पान एवं कुछ पेंक्रियाज़ की बीमारी के कारण होती है।
मधुमेह (diabetes) : मधुमेह और इंसुलिन मधुमेह (diabetes) : मधुमेह और इंसुलिन Reviewed by ritesh on 5:17 AM Rating: 5

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