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बुखार (Fever) : जीर्ण ज्वर

जीर्ण ज्वर

लक्षण: शरीर में हल्का दर्दआँखों में जलन, पेशाब में पीलापनपीठ में दर्द।
पहला प्रयोगः पलाश के फूलों का 1 से 2 ग्राम चूर्ण दूध-मिश्री के साथ लेने से गर्मी तथा जीर्णज्वर में लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः दूध में 6 रत्ती (750 मिलीग्राम) लेंडीपीप का चूर्ण उबालकर पीने से या आधा से 2 ग्राम शीतोपलादि चूर्ण अथवा गुडुच (गिलोय) का आधा से 1 ग्राम सत्व (अर्क) या आँवले का 1 से 2 ग्राम चूर्ण लेने से जीर्ण ज्वर में लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः काला जीराचिरायता और कटुकी एक-एक चम्मच लेकर इन सबको रात्रि में भिगोकर सुबह 500 ग्राम पानी में तब तक उबालें जब तक पानी केवल दो चम्मच रह जाये। उस पानी को सुबह पीने से जीर्णज्वर में लाभ होता है।
चौथिया ज्वरः दूध में पुनर्नवा (विषखपरा) की 1 से 2 ग्राम जड़ का सेवन करने से चौथिया ज्वर में लाभ होता है।
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बुखार (Fever) : जीर्ण ज्वर   बुखार (Fever) : जीर्ण ज्वर Reviewed by ritesh on 1:42 AM Rating: 5

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